39.3 C
Rajasthan
Tuesday, June 6, 2023

Buy now

spot_img

इस योद्धा ने तराइन के युद्ध में धूल चटाई थी मोहम्मद गौरी को

भारत के अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान व मोहम्मद गौरी के मध्य सन 1191 ई. में तराइन के मैदान में युद्ध हुआ| जिसमें गौरी की बुरी तरह हार हुई और घायल गौरी बंदी बना लिया गया| जिसे बाद में उपचार करने के बाद दया दिखाते हुए चेतावनी देकर छोड़ दिया गया| लेकिन क्या आप उस योद्धा के बारे में जानते है, जिसने गौरी जैसे योद्धा को युद्ध के मैदान में धूल चटाते हुए घायल किया और उसी वजह से गौरी की सेना भाग खड़ी हुई और गौरी बंदी बना लिया गया|

जी हाँ ! ये योद्धा था दिल्ली का तत्कालीन शासक और पृथ्वीराज का सामंत गोविन्दराज तोमर| गोविन्दराज का नाम भारतीय व मुस्लिम इतिहास में गोविन्दराय, कन्द गोयन्द, गोयन्दह, गवन्द और गोविन्द के रूप में नाम दर्ज है|, वहीं तंवरो के इतिहास में गोविन्दराज चाहड़पाल के नाम से दर्ज है| चाहड़पाल या गोविन्दराज तराइन के युद्ध में पृथ्वीराज की सेना के हरावल (अग्रिम) में था|  गौरी को इसी वीर गोविन्दराज तोमर ने घायल किया था| गोविन्दराज ने लोहे की सांग फैंककर गौरी के बाजू पर चोट मारी, जिससे गौरी घायल हो, मुर्छित हो गया और उसके मूर्छित होते ही उसकी सेना भाग खड़ी हुई| घायल गौरी को बंदी बना लिया गया| लेकिन मुस्लिम इतिहासकारों ने गौरी को गोविन्दराज द्वारा घायल करने की बात तो स्वीकारी पर बंदी होने की बात की जगह लिख दिया कि घायल गौरी को एक खिलजी युवक उठा लाया|

डा. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखित “अजमेर का वृहद् इतिहास” के अनुसार “तराइन के प्रथम युद्ध में गौरी का सामना दिल्ली के राजा गोविन्दराज से हुआ| गौरी के भाले के वार से गोविन्दराज के दांत बाहर निकल आये थे| गोविन्दराय ने भी प्रत्युतर में गौरी पर भाला फैंककर वार किया और गौरी बुरी तरह घयाल हो गया|”

तबकाते ए नासिरी के अनुसार- सेनाओं के आमने सामने आते ही सुल्तान गौरी ने भाले से उस हाथी पर आक्रमण किया जिस पर दिल्ली का राय चावण्ड (चाहड़पाल) सवार था| चाहड़पाल भी आगे बढ़ा और मिन्हाज-उस-सिराज के अनुसार – “अपने युग के सिंह, रुस्तम के प्रतिरूप सुल्तान ने अपना भाला उसके मुख में घुसेड़ दिया और उस दुष्ट के दो दांत तोड़कर गले से नीचे उतार दिए| राय ने प्रत्याक्रमण किया और सुल्तान की भुजा पर गंभीर घाव कर दिया| सुल्तान घाव की पीड़ा सहन न कर सका और घोड़े से गिरने वाला था कि एक खिलजी युवक ने पहचान लिया और सुल्तान को घोड़े पर ले भागा|”

मुस्लिम इतिहासकार भले गौरी को बंदी बनाने की बात छिपा गए पर उन्होंने यह मान लिया कि चाहड़पाल यानी गोविन्दराज ने उसे घायल होने के बाद भी बुरी तरह से घायल कर दिया और गोविन्दराज का वार ही गौरी की हार का कारण बना|

 History of Rajputs, History of Tomar and Chauhan Rajputs, Prithviraj Chauhan and Ghauri war

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

0FansLike
3,802FollowersFollow
20,800SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles