31.8 C
Rajasthan
Thursday, June 8, 2023

Buy now

spot_img

इसलिए है सीकर शिक्षा नगरी Prince Eduhub

हाल ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी एक चुनावी सभा में सीकर को शिक्षा नगरी कह कर संबोधित किया | उनके संबोधन के बाद कईयों को जिज्ञासा हुई कि राजस्थान में अजमेर, पिलानी, कोटा आदि शिक्षा क्षेत्र में बड़ा नाम होने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने सीकर को शिक्षा नगरी क्यों कहाँ ? यह जिज्ञासा हमें भी हुई और साथ ही अफ़सोस भी कि सीकर जिले का निवासी होने के बावजूद हमें सीकर के शैक्षणिक संस्थानों का पूरा ज्ञान नहीं है और उसी को पूरा करने के लिए देशभर में प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान CLC का कैम्पस टूर करने के बाद कल प्रिंस एडुहब के कैम्पस का दौरा किया, सोचा वो आपके साथ भी साझा कर दूँ |

प्रिंस एडुहब कैम्पस देखने की इच्छा जाहिर करते ही संस्थान के चेयरमैन डा. पियूष सूंडा हमें खुद कैम्पस दिखाने साथ चले| चर्चा के दौरान हमें पता चला कि प्रिंस सिर्फ स्कूल नहीं, वहां कॉलेज की पढ़ाई के साथ डाक्टरी, इंजीनियरिंग, सेना में सैनिक से लेकर अफसर की भर्ती सहित विभिन्न नौकरियों की प्रतियोगी परीक्षा पास करने की भी कोचिंग दी जा रही है| साथ ही 150 बीघा से भी ज्यादा क्षेत्रफल में फैले उनके संस्थान और एक के बाद एक बड़ी इमारतें व हजारों विद्यार्थियों की संख्या देख, हमें प्रधानमंत्री द्वारा सीकर को शिक्षा नगरी कहे जाने बात का औचित्य पता चला|

प्रिंस शिक्षण संस्थान देख मुझे पहली बार पता चला कि सीकर को इसलिए शिक्षा नगरी कहा जाता है| डा. सूंडा ने बताया कि उनके संस्थान में बच्चे को नर्सरी से लेकर कॉलेज शिक्षा के साथ डाक्टर, इंजीनियर, सैन्य अधिकारी बनने तक कोचिंग दी जाती है, मतलब बच्चे को अपना करियर बनाने के लिए शिक्षण संस्थान बदलने की जरुरत ही नहीं पड़ती| आजकल निजी विद्यालयों में जगह की कमी के कारण खेलकूद की गतिविधियाँ नहीं दिखाई देती, लेकिन शाम को हम जब दुबारा प्रिंस के कैम्पस में गए तो हमें लगा हम किसी खेल गांव में पहुँच गए| क्रिकेट, फूटबाल, बोलिबाल, बास्केटबाल, स्विमिंग से लेकर निशानेबाजे व जिम तक की सुविधा हमें प्रिंस के कैम्पस में नजर आई| जो बच्चों के शारीरिक विकास के लिए अति-आवश्यक है|

और सबसे ज्यादा प्रभावित किया हमें डा. पियूष सूंडा की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता ने| एक एमबीबीएस डाक्टर होने के बावजूद डा. सूंडा ने डाक्टरी छोड़ शिक्षा के क्षेत्र को चुना| चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि मेडिकल भी जनसेवा का कार्य है, धन भी उसमें खूब कमाया जा सकता है पर शिक्षा क्षेत्र में समाज व देश को बड़ी संख्या में डाक्टर, इंजीनियर, सैन्य अफसर तैयार कर देना उससे से भी बड़ी सेवा है और जब सेवाकर्म ही चुनना था तो मैंने बड़ा कर्म चुना और मैं डाक्टरी छोड़ शिक्षा क्षेत्र में आ गया|

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

0FansLike
3,805FollowersFollow
20,900SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles