Home Poems Video आभास

आभास

14

आभास ही सही क्षितीज पर धरा और अम्बर का मिलन तो दिखता है …..

पर तुम को क्या हुआ तुम तो मेरे अपने थे ना,

फिर तुमने अपना रुख क्यों मोड़ लिया

हर आहट पर लगता है तुम आये हो ,

पर क्यों रखु मैं अपने ह्रदय द्वार खुले अगर वो तुम ना हुए तो ?

वो हलकी सी चपत लगा दी थी तुमने ,

जब मैंने कहा था एक दिन दूर चली जाउंगी

अब खुद क्यों अपने वादे से फिर गए हो

तकते तकते अब तो पलके भी ना भीगती है

पर हाँ आज भी हर बार जाने से पहले एक बार मुड के देख लेती हूँ

केसर क्यारी ….उषा राठौड़

14 COMMENTS

  1. Bahut Khoob Dear Well Done Keep It Up :)Kuch lines main bhi pesh karna chahunga.
    "यूँ तेरा मुझसे रूठ कर जाना गवारा नहीं,
    कि इस दुनिया में कोई भी हमारा नहीं,
    तुम भी चले जाओगे तो कौन साथ देगा,
    तेरे सिवा कोई और हमें देगा सहारा नहीं,
    यूँ तो दीखते है कई लोग हमें महफ़िल में,
    पर इन नज़रों को तेरे सिवा कोई प्यारा नहीं,
    तोड़ लाऊं आसमान से तेरे गेसुओं में सजाने को,
    मगर तेरे काबिल इस आसमान में कोई सितारा नहीं,
    तमन्नाएं कुछ नयी करवटें ले रही है इस दिल में,
    अब आ भी जाओ कि तेरे बिना गुजरा नहीं…"

  2. the child in us never stops waiting for the unknown..unknown keeps us waiting and wishing, endlessly hoping and praying..it's our lot and the trademark of being human

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Exit mobile version