आप सब को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाये .आज हम सब आजादी का ६३ वां जन्मदिन मना रहे है , इन ६३ सालो मे हमने कई सफलता की सीढियाँ चढ़ी है ,जैसे कि आज कच्चे घर बदल गए है पक्के घरो में, बहुत कुछ बदला हैं ,बहुत कुछ .सबसे ज्यादा बदली है हमारे घर की साजसज्जा |
कुछ दिन पहले मैं अपनी एक मित्र के घर गई वहां जाकर देखा की उसके दो प्यारे प्यारे बच्चे चुपचाप बैठ कर टीवी देख रहे हैं ,पर उनके चहरे पर एक अजीब सी उदासी थी.मैने पुछा ये इतने मायूस क्यों हैं ?तो वो तपाक से बोली अरे इनको डांट के टीवी देखने को बोला इस लिए ,वो मुझे बोली ,अब देखना हम लोग टीवी देखना कितना पसंद करते थे पर तब इतने प्रोग्राम ही नहीं आते थे पर ,इनको देखो सब हैं पर फिर भी मुंह लटका के बेठे हैं , बस दिन भर इनको तो धुमा मस्ती करनी हैं,या फिर बाहर मिट्ठी मैं खेलना हैं. तभी उसका बेटा कुछ लेने के लिए उठा की वो भाग के उसके पास गई और बोली- अरे क्या चाहिए मुझे बोलो ना, कुछ तोड़ दोगे .तब मैने उसके घर में मैने एक नजर डाली,वेसे तो उसका घर रोज ही देखती हूँ पर तब ध्यान से देखा उसका घर इतनी महंगी चीजो से सुसज्जित था की बस क्या कहने .हर कोने में कांच के गुलदान, बेड पर महंगी चादर ,सोफे पर महंगे कवर .अब बच्चे खेले तो कहाँ ,हाँ एक जगह खली हो सकती थी वो वो घर की खिड़की ,बस यही सोच कर उधर देखा तो वंहा भी एक मनी प्लांट का पोधा लगा हैं |
तब मेरे मन में ख्याल आया की क्या अब घर इतना महंगा हो गया की बच्चो का खेलना सस्ता हो गया .क्यों हम अपने बच्चो को सुस्त और अस्वस्थ बना रहे हैं , भारत का भविष्य इतना उदास क्यों ????????…..
जीने दो अपना बच्चपन उनको जो जी मैं आये करने दो .उनके गंदे कपडे धोने मैं जितनी तकलीफ नहीं होंगी उससे कही ज्यादा ख़ुशी उनके चहरे की चमक देख कर होगी ,और जब भारत का भविष्य ऐसे मुस्कुराएगा तो हर साल भारत भी अपनी आजादी का जश्न इतनी ही ख़ुशी से मनायेगा .क्योंकि कल का भारत आज के बच्चो के हाथो में हैं……..
वैसे आप ही बताओ मेरा ये ख्याल बुरा हैं क्या ?.
एक बार फिर से आप सब को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाये केशर क्यारी (उषा राठौड़)
बहुत खूब लिखा है आपने उषाजी वह क्या बात है.आज की इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में बच्चों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए वरना आप सभी जानते है आज कल बच्चों के दिमाग कितनी जल्दी गलत फैसले ले लेते हैं.वोह कहते है ना की उनका बच्चपन अच्छा होगा तो उनका कल भी अच्छा होगा.बच्चपन बड़ा ही सहेज और कोमल होता है और हर एक परेंट्स को अपने बच्चों को बड़ी ही सावधानी और प्यार से सवारना पड़ता है.बड़े होकर माँ-बाप के दिए गए अच्छे संस्कार ही उस्से इन्सान बनाते हैं.इस लिए उनके दिल और दिमाग की बात हमको समझनी चाहिए.बस जरुरत है तो सूझ भुज और समझदारी से हर एक फैसला को लेने की.आप सभी को धन्यवाद.फिर से एक बार उषाजी बेहद अच्छा लिखा है…बहुत ही सुंदर… इससे बेहतर नहीं हो सकता….उद्धरण के साथ साथ तस्वीरें भी बखूभी मैच कर रही है और आपके लिखने का यह अंदाज़ मुझे बहुत पसंद है.आपका बहुत बहुत धन्यवाद,
स्कूल के किताबों भरे भारी बस्ते,घर की महंगी साज-सज्जा ,टी वी,कंप्यूटर व अभिभावकों द्वारा पढ़ाई में हमेशा अव्वल आने की चाहत ने बच्चों का बचपन व उनके चेहरे की चमक ही छीन ली है | मिटटी में न खेलने देने की वजह से बच्चों में कई तरह की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हुई है | बहरहाल आपका आज का ख्याल भी बढ़िया लगा | आपको आपके परिवार सहित स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक ढेरों शुभकामनाएँ 🙂
बचपन सिमट गया है ..सचमुच … बच्चों के लिए लाये खिलौनों की बहुत दुर्गति की उन्होंने …मगर संतोष है कि वे जी भर खेले … घर बच्चों की किलकारियों से बनता है …साज सज्जा से नहीं बहुत अच्छी पोस्ट ..
बन्दी है आजादी अपनी, छल के कारागारों में। मैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।। — मेरी ओर से स्वतन्त्रता-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें! — वन्दे मातरम्!
बहुत अच्छा ख्याल है जी आपका मेरी भी यही सोच है कि बच्चा जो चाहे खेले, चाहे जहां से कूदे, थोडी चोट भी खाये तो भी टीवी देखने से अच्छा है। थोडा नुक्सान कर दे, तब भी मुझे उनकी आंखों की चमक चाहिये।
स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।
बहुत खूब लिखा है आपने उषाजी वह क्या बात है.आज की इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में बच्चों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए वरना आप सभी जानते है आज कल बच्चों के दिमाग कितनी जल्दी गलत फैसले ले लेते हैं.वोह कहते है ना की उनका बच्चपन अच्छा होगा तो उनका कल भी अच्छा होगा.बच्चपन बड़ा ही सहेज और कोमल होता है और हर एक परेंट्स को अपने बच्चों को बड़ी ही सावधानी और प्यार से सवारना पड़ता है.बड़े होकर माँ-बाप के दिए गए अच्छे संस्कार ही उस्से इन्सान बनाते हैं.इस लिए उनके दिल और दिमाग की बात हमको समझनी चाहिए.बस जरुरत है तो सूझ भुज और समझदारी से हर एक फैसला को लेने की.आप सभी को धन्यवाद.फिर से एक बार उषाजी बेहद अच्छा लिखा है…बहुत ही सुंदर… इससे बेहतर नहीं हो सकता….उद्धरण के साथ साथ तस्वीरें भी बखूभी मैच कर रही है और आपके लिखने का यह अंदाज़ मुझे बहुत पसंद है.आपका बहुत बहुत धन्यवाद,
बहुत खूब !
अंग्रेजों से प्राप्त मुक्ति-पर्व
..मुबारक हो!
समय हो तो एक नज़र यहाँ भी:
आज शहीदों ने तुमको अहले वतन ललकारा : अज़ीमउल्लाह ख़ान जिन्होंने पहला झंडा गीत लिखा http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_14.html
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल
सांस का हर सुमन है वतन के लिए
जिन्दगी एक हवन है वतन के लिए
कह गई फ़ांसियों में फ़ंसी गरदने
ये हमारा नमन है वतन के लिए
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्कूल के किताबों भरे भारी बस्ते,घर की महंगी साज-सज्जा ,टी वी,कंप्यूटर व अभिभावकों द्वारा पढ़ाई में हमेशा अव्वल आने की चाहत ने बच्चों का बचपन व उनके चेहरे की चमक ही छीन ली है |
मिटटी में न खेलने देने की वजह से बच्चों में कई तरह की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हुई है | बहरहाल आपका आज का ख्याल भी बढ़िया लगा |
आपको आपके परिवार सहित स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक ढेरों शुभकामनाएँ 🙂
बचपन सिमट गया है बुजुर्गियत का लबादा ओढ़ कर |स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये |
बचपन सिमट गया है ..सचमुच …
बच्चों के लिए लाये खिलौनों की बहुत दुर्गति की उन्होंने …मगर संतोष है कि वे जी भर खेले …
घर बच्चों की किलकारियों से बनता है …साज सज्जा से नहीं
बहुत अच्छी पोस्ट ..
हमने अपने बच्चों को एक अल्मारी की सतह कुछ भी करने के लिए दी थी कि चाहे इस पर लिखो, चित्र बनाओ, कुछ भी चिपकाओ या खुरचो…ये दीवार पर लिखने का विकल्प था.
Very well written … yes we should allow our generation next to write and express their true feelings unabashedly …anil srivastava
Nice
हमेशा की तरह आज का ख्याल भी अच्छा लगा
शुभकामनाएँ
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत बढिया पोस्ट लिखी है। बधाई स्वीकारें।
स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई।
JASHAN-E-AZAADI MUBARAK HO…..usha ji …..JAI HIND
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
मालीगांव
साया
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लक्ष्य
बेहतरीन और सार्थक आलेख, स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.
रामराम.
मँहगे सामान भविष्य को सस्ता न बना दें कहीं। सुन्दर प्रस्तुति।
… behatreen ….svatantrataa divas kee badhaai va shubhakaamanaayen !!!
bahut acha likha sa
बन्दी है आजादी अपनी, छल के कारागारों में।
मैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।।
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मेरी ओर से स्वतन्त्रता-दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
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वन्दे मातरम्!
बहुत अच्छा ख्याल है जी आपका
मेरी भी यही सोच है कि बच्चा जो चाहे खेले, चाहे जहां से कूदे, थोडी चोट भी खाये तो भी टीवी देखने से अच्छा है। थोडा नुक्सान कर दे, तब भी मुझे उनकी आंखों की चमक चाहिये।
प्रणाम
स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।
ख्याल अच्छा है