भोजन में बदलाव से करें मधुमेह का निदान

Gyan Darpan
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भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या चार करोड़ से अधिक होने के साथ इसका विश्व में पहला स्थान है जो विश्व की कुल पीड़ितों की आबादी का 15 प्रतिशत है। जीवन शैली में आए बदलाव, व्यायाम से दूर भागती पीढी, अंधाधुंध शहरीकरण, कैलोरी की खपत बढ़ना, मोटापा बढ़ना, फास्ट फूड का बढ़ता चलन भारत में मधुमेह की बढ़ती महामारी के मुख्य कारण हैं। दूसरी ओर शारीरिक श्रम वाले कार्यों में आ रही कमी और सेवा क्षेत्र की नौकरियों में बढ़ोतरी, वीडियो गेम्स का बढ़ता चलन, टेलीविजन और कंप्यूटर जिससे लोग घंटों चिपक कर बैठे रहते हैं मधुमेह रोग को बढ़ावा देते हैं।

मधुमेह पर एक करोड़ से ज्यादा पृष्ठों की रपट बनाने व छत्तीसगढ़ के पारम्परिक चिकित्सकों द्वारा मधुमेह के इलाज वाले लाखों फार्मूलों पर शोध कर उन्हें एकत्र करने वाले पंकज अवधिया अपने ब्लॉग पर लिखते है कि भारत में जितने मधुमेह के रोगी है उतने ही मधुमेह को ठीक करने वाले नुस्खे यहाँ मौजूद है. पर अफ़सोस इसके बावजूद मधूमेह रोग भारत में अपने पाँव पसारता जा रहा है. यही नहीं भारत के प्राकृतिक चिकित्सकों का मानना है कि मधूमेह रोग का महज भोजन व दिनचर्या में बदलाव कर शर्तिया निदान किया जा सकता है. लेकिन मधूमेह का रोगी ऐसा कौनसा भोजन ले और कैसी दिनचर्या अपनाई का जाय जिससे मधूमेह के रोगी बिना दवा के इस घातक बीमारी का निदान स्वयं कर सके, बता रहे है फरीदाबाद के प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ महेश चौहान ..

1- सुबह उठने पर दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद एक छोटा सा अदरक का टुकड़ा व तुलसी के दस पत्ते मुंह में डाल कर धीरे धीरे चबायें| पूरा चबाने के बाद नारियल पानी भी ले सकते है|

2- नाश्ते से पहले या सुबह 7-8 बजे के लगभग – 50 ग्राम अंकुरित मूंग दाल, 50 ग्राम नारियल, 20 ग्राम बादाम जो रातभर पानी में भीगें हों, एक बड़ा टमाटर, मध्यम आकार का चकुंदर, एक हरी मिर्च, कुछ धनिया पत्ते व स्वादानुसार नींबू लें. चुकंदर का छिलका उतारें व उसे छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें, टमाटर, हरा धनिया, हरी मिर्च आदि भी बारीक़ काट लें और बादाम, अंकुरित मूंग, नारियल के टुकड़े आदि सभी को मिलाकर स्वादानुसार नींबू डाल कर खाएं|

3- इस नाश्ते के दो तीन घंटे बाद यानी 10-11 बजे के घुलनशील कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें जो फलों से मिलते है. इसके लिए 300 ग्राम दो तीन प्रकार के खट्टे फलों का चयन करें. और उन्हें धीरे धीरे चबाकर खाएं. 300 ग्राम फल खाने में कम से कम 20 मिनट का समय लगायें|

4- दोपहर के भोजन में कई कटी कच्ची सब्जियों के मिश्रण का सेवन करें जैसे एक बड़ा टमाटर, एक खीरा, 100 ग्राम फ्रेंच बीन्स, 2 बड़ी शिमला मिर्च, 1 हरी मिर्च, 50 ग्राम चने की दाल जो रात में भिगोई हो, धनिया, लहसुन व स्वादानुसार नींबू|

खीरे, टमाटर, हरी व शिमला मिर्च, आदि सभी के छोटे छोटे टुकड़े काटें, भीगी हुई चने की डाल को बीस मिनट धीमी आंच पर भाप में पकाएं और सभी कटी सब्जियां व फल एक बर्तन में मिलाकर स्वादानुसार नींबू डालकर सेवन करें. साथ में टमाटर की चटनी भी खाई जा सकती है|

5- शाम का नाश्ता (5 बजे)- जो फल आपने सुबह नाश्ते में खाए थे, इस समय भी खा सकते है, पर अगर दवा या इंसुलिन लेने का समय है तो दवा या इंसुलिन लेने से पहले ब्लड शुगर का स्तर देखें क्योंकि सुबह और दोपहर के समय उपरोक्त भोजन लेने के बाद ब्लड शुगर के स्तर में अवश्य ही कमी आई होगी|

6- रात का भोजन – रात्री भोजन 8 बजे से पहले कर लेना चाहिए तथा रात्री भोजन में सेवन के लिए दोपहर को जो भोजन सेवन किया वही सेवन करें| उपरोक्त भोजन सेवन करने से पहले मधुमेह की जांच अवश्य करा लें ताकि इसके सेवन के कुछ दिन बाद पुन: जाँच करवाकर मधुमेह के स्तर का पता लगाकर इस भोजन विधि से मिले फायदे का पता चल सके|

ब्लड शुगर को ख़त्म करने के लिए निम्न बातों पर भी ध्यान दें

1. इस तरह के भोजन में ली जाने वाली मात्रा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. डायबिटीज टाइप 1 व 2, दोनों तरह के रोगियों को अपनी आयु, भार तथा लम्बाई के अनुसार निर्धारित मात्रा में भोजन की मात्रा सेवन करनी चाहिए|

2. उक्त भोजन को चबाकर धीरे धीरे खाना चाहिए. आम तौर पर जिस गति से आप खाते है उससे दुगना समय लें और आपको डायबिटीज टाइप 1 है तो भोजन के समय को तिगुना कर दें|

3. भोजन का समय प्रतिदिन एक ही रखें. ज्यादा से ज्यादा पन्द्रह बीस मिनट ही आगा पीछा करें|

4. किसी भी तरह के बाजारू पोषक आहार (फ़ूड सप्लीमेंट), टॉनिक, पाउडर आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए|

5. टाइप 1 व 2 के रोगियों को प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा सूर्य के प्रकाश से सीधे संपर्क में रहना चाहिए यानी धूप का सेवन अवश्य करें. नारंगी रंग की बोतल में सूर्यतप्त जल का भी सेवन करें|

6. पनीर, दूध, मख्खन, घी, सहित डेयरी उत्पाद, चीनी, नमक, रिफाइंड तेल, बिस्कुट, सॉस, जैम, ब्रेड आदि डिब्बा बंद फास्ट फ़ूड, मछली व अन्य जल जीवों के साथ मांसाहार का पूर्णतया त्याग करें|

7. कम से कम सुबह आधा घंटा या अधिक ऐसा व्यायाम करें जिसमें गहरी सांसे भरने का अवसर मिले यथा- सुर्यभेदी, कपालभाती, नाड़ी शोधन प्राणायाम, महामुद्रा, हलासन, पश्चिमोतानासन, भजंगासन, चक्रासन, मंडूकासन, आदि योगासन लाभप्रद है. सुबह की सैर भी लाभदायक है|

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6टिप्पणियाँ

  1. सार्थक प्रस्तुति।
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    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (02-02-2015) को "डोरबैल पर अपनी अँगुली" (चर्चा मंच अंक-1877) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. लोग अपनी दिनचर्या में खान-पान की आदतों का ख्याल नहीं रखते है . इसलिए आज कल बड़ी भयंकर बीमारिया आ गयी है और ज्यादातर बीमारिया खान-पान की आदतों के कारण पैदा हो रही है. लोग आजकल इस भागती दौड़ धुप में सेहत का ध्यान नहीं रख रहे है यही कारण है उनके असवस्थ रहने का . पता नहीं लोग यह क्यों नहीं समझते है की जीवन में स्वस्थ रहने के लिए अपने आप पर नियत्रण , अपनी खुराक पर ध्यान और कसरत को आजमाना चाहिए. . अंग्रेजी में एक कहावत है की "Health is Wealth" पता नहीं लोग कब यह समझेंगे . . आप का लेख स्वस्थ रहने के लिए बहुत ही बढ़िया टिप्स है . अगर लोग आपके द्वारा बताये गये टिप्स का अनुसरण करे तो उनकी आधी से ज्यादा बीमारिया तो वैसे ही ख़त्म हो जाएँगी. ऐसी ज्ञानवर्धक लेख लिखने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ... मैं भी आपके बताये गये तरीको को अपनाने की भरपूर कोशिश करूंगा. एक बार फिर से आपका धन्यवाद ...
    मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है

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  3. दोस्तो अगर आप इन्टरनेट कम्पयूटर और मोवाइल तकनीक के बारे मे जानना चाहते है तो यह पेज लाइक किजिए और अपने मित्रो को भी बताइयेँ http://kitanaseekha.blogspot.in/

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  4. श्री मान जी लेख लिखा तो अच्छा परन्तु अभी आय वर्ग और सभी आयु वर्ग में संतुलन समांतर नहीं होता इसलिए चिकित्सीय परामर्श आवशयक है !

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