सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करें

Gyan Darpan
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केंद्र व राज्य सरकारें जनहित में विभिन्न योजनाएं चलाती है, पर सरकारी दफ्तरों में अधिकारीयों व बाबुओं की निष्क्रियता, लापरवाही, कामचोरी के चलते इनमें से बहुत सी योजनाएं फाइलों में दबकर पड़ी रह जाती है, या फिर अधिकारी व कर्मचारी मिलीभगत कर कागजों में उन योजनाओं को पूरी कर बजट डकार जाते है| कई जनहित के कार्यों के ठेकों में भ्रष्ट नेता, अधिकारी, ठेकेदार मिलकर जमकर सरकारी माल उड़ाते है और जनता को पता तक नहीं चलता|

लेकिन जब से सूचना का अधिकार कानून बना है| जागरूक नागरिक इस कानून द्वारा मिले अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इन योजनाओं की जानकारी हासिल करते है और योजनाओं से जुड़े दस्तावेजों का निरीक्षण कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का काम कर देश व समाज हित में अपना योगदान दे रहे है|

राजस्थान में “अभिनव राजस्थान” के नाम से एक छोटा सा समूह बनाकर कुछ जागरूक नागरिकों ने सूचना पाने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अपने जिला प्रशासन के कार्यों पर नजर रखना शुरू किया| परिणाम हुआ कि जो विद्यालय खुलने के 2007 में आदेश में हुए थे, वो इस समूह द्वारा जबाब तलब करने के बाद इस वर्ष खुले| वर्षों से कृषि सुधार के लिए कृषकों की सहायता के लिए बजट आता था, पर वह कभी खर्च ही नहीं हुआ| लेकिन जब इस समूह ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी ली और किसानों को लेकर गए तो एक ही दिन में अधिकारीयों ने 100 कृषकों को 15 लाख की सहायता राशी बाँट दी| वन्य जीवों की सुरक्षा के बजट नहीं था, जब सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया तो बजट उपलब्ध हो गया|

एक व्यक्ति ने किसी बैंक से 15 लाख का आवास ऋण लिया था| जिस पर बैंक ने 8 प्रतिशत ब्याज की जगह 14 प्रतिशत वसूल करना शुरू कर दिया| उक्त व्यक्ति द्वारा बहुत सी मिन्नतें करने के बाद भी बैंक ने नहीं सुनी| जब उसी व्यक्ति ने सूचना के अधिकार द्वारा बैंक के चेयरमैन के दौरों, खर्च के साथ विभिन्न जानकारियां मांगी तब चेयरमैन ने नाराजगी का कारण पुछवाया और तुरंत 5 प्रतिशत ब्याज कम करते हुए उस व्यक्ति से समझौता कर लिया| यह सूचना के अधिकार का ही कमाल है कि कभी आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्त्ता पर ढेरों फर्जी मुकदमें दायर करवाने वाला राजस्थान का एक आईपीएस पुलिस अधिकारी आज कानून के शिकंजे में परिवार सहित फंसा है|

राजस्थान के झुंझनु जिले में 45 करोड़ की सड़क पर लागत के बदले 220 करोड़ रूपये टोल टैक्स के रूप में वसूलने वाले दो विधयाकों ने टोल टेक्स वसूलने की समयावधि पूरी होने पर उसी सड़क के किनारे एक करोड़ रूपये की नाली के निर्माण का बहाना लेकर फिर अगले साढ़े वर्ष के लिए टोल टेक्स वसूली का ठेका हासिल कर लिया| लेकिन उनकी इस कारस्तानी की जानकारी सूचना के अधिकार का प्रयोग करते हुए लेकर, यशवर्धन सिंह शेखावत ने उसकी जाँच करवा कर मुकदमा दायर करवा दिया| यह यशवर्धन सिंह की सक्रियता का ही कमाल है कि आज उक्त सड़क पर टोल वसूली की रकम मुकदमें का निपटारा होने तक न्यायालय के आदेश से सरकारी खाते में जमा हो रही है|

इस तरह के बहुत से उदाहरण गिनाये जा सकते है जो वर्षों से अटके काम सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने के बाद अधिकारी हरकत में आये और वो काम पुरे हुए| कई मामलों में भ्रष्टाचारियों के गठबंधन द्वारा किया गया भ्रष्टाचार उजागर हुआ और उन पर कार्यवाही हुई| इस तरह सूचना के अधिकार के इस्तेमाल से मिले परिणामों से प्रेरित होकर “अभिनव राजस्थान” समूह में जोश का संचार हुआ और समूह के संस्थापक डॉ. अशोक चौधरी ने सोशियल मीडिया के उपयोग द्वारा समूह को विस्तार देने की रणनीति बनाई और उनकी यह रणनीति काम आई| सोशियल मीडिया पर चलाये जागरूकता अभियान व समूह द्वारा आव्हान करने पर राजस्थान के कोने कोने से एक हजार से ज्यादा लोग 30 नवंबर को जयपुर के महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में एकत्र हुए और प्रण लिया कि अब वे अपने अपने जिले, तहसील, पंचायत में चलने वाली विभिन्न सरकारी योजनाओं पर सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगवाएंगे| फाइलों में दबी पड़ी योजनाओं को शुरू करवाएंगे और इस तरह सरकारी तन्त्र पर निगरानी रखकर राजस्थान को अभिनव राजस्थान बनायेंगे|

आप भी जहाँ रहते है उस राज्य को अभिनव बनाने के लिए, अपने आस-पास विकास की गंगा बहाने के लिए, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए, सरकारी काम में पारदर्शिता लाने के लिए, अपने मन में यह अहसास करने के लिए कि इस लोकतंत्र में चपरासी से लेकर राष्ट्रपति तक लोक सेवक है और मैं इस लोकतंत्र का लोक हूँ और मैं लोक सेवकों मतलब अपने नौकरों पर इस अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इनके कार्य पर निगरानी रख रहा हूँ के लिए सूचना के अधिकार के तहत विभिन्न सरकारी विभागों से सूचनाएं मांगे|

मैं दावे के साथ कह सकता हूँ - आपके सक्रीय होते ही आपके क्षेत्र में भ्रष्टाचार की दर में कमी आनी शुरू हो जायेगी|
तो आईये और हम अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत को विकसित भारत, भ्रष्टाचार मुक्त भारत, अभिनव भारत बनाने के अपने कर्तव्य पालन की दिशा में कदम बढायें!


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8टिप्पणियाँ

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (06-12-2014) को "पता है ६ दिसंबर..." (चर्चा-1819) पर भी होगी।
    --
    सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (06-12-2014) को "पता है ६ दिसंबर..." (चर्चा-1819) पर भी होगी।
    --
    सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. सूचनाका अधिकार नागरिक के हाथ में एक सशक्त हथियार है, लेकिन इसकी पूरी जानकारी व समझ के अभाव में आम नागरिक पूरा उपयोग नहीं कर पाता ,यदि एक बार कर भी ले तो सरकारी विभागों के द्वारा टालू जवाब के बाद चुप हो कर बैठ जाता है , इसलिए इस हेतु सभी को पूर्ण जानकारी होना भी जरुरी है

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  4. nice me aapka blog daily padta hu plz mera bhi dekhe http://www.gkinhindi.net/

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  5. बधाई और शुभकामनाएं हो ! गुगुल एडसेंन ने हिंदी हो मान्यता दे दी हैं.

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  6. magar ye bhi jaruri hai ki...online jaanakari ke liye abhi website nahi hai.o honi chahiye./.

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  7. मुझे आपकी blog बहुत अच्छा लगा। मैं एक Social Worker हूं और Jkhealthworld.com के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारियां देता हूं। मुझे लगता है कि आपको इस website को देखना चाहिए। यदि आपको यह website पसंद आये तो अपने blog पर इसे Link करें। क्योंकि यह जनकल्याण के लिए हैं।
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