आधुनिक फैशन पर भारी एक पारंपरिक महिला परिधान

Gyan Darpan
10

फैशन की दुनियां में नित नए डिजाइन्स के परिधान आते है, लाखों फैशन डिजाईनर इस काम में जुटे रहते है| नई फैशन को प्रोमोट करने के लिए जगह-जगह फैशन शो आयोजित किये जाते है| टीवी पर प्रचार किया जाता है| परिधान निर्माता अपने परिधानों को फैशन ने बनाये रखने के लिए पूरी जद्दोजेहद करते है जब जाकर उनके उत्पाद फैशन के बाजार में जगह बना पाते है, पर इतना करने के बाद भी उनके बनाये नए डिजाईन फैशन की दुनियां में ज्यादा नहीं टिक पाते| बस परिधानों के नए नए डिजाईन आते है और चले जाते है| खासकर महिला परिधानों के फैशन बाजार में तो किसी परिधान की डिजाईन को ज्यादा समय तक टिकने के लिए जबरदस्त प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है|

एक और जहाँ किसी परिधान डिजाईन को फैशन की दुनियां में टिके रहने के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है| वहीं राजस्थान में एक ऐसा पारंपरिक परिधान भी है जो वर्षों बाद भी राजस्थान की महिलाओं की पहली पसंद बना हुआ है, और वह भी सभी वर्ग की उम्र की महिलाओं का| जी हाँ! मैं बात कर रहा हूँ राजस्थान की राजपूत महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली विशेष पारंपरिक “राजपूती पौशाक” की| आज जब नई पीढ़ी पारंपरिक पौशाकों को पिछडेपन की निशानी समझ उनसे दूर होते हुए त्याग रही है और अपने आपको आधुनिक दिखाने के लिए नई फैशन के परिधान अपना रही है| इसके बावजूद राजस्थान में राजपूत महिलाओं द्वारा हजारों वर्षों से पहनी जा रही पारंपरिक पौशाक न केवल अभी भी अपना वजूद बचाए हुए है बल्कि फैशन की दुनियां पर भारी भी पड़ रही है|

यह पौशाक आज भी राजपूत महिलाओं के हर उम्र वर्ग में उतनी ही पसंद की जाती है जितनी आज से हजारों, सैकड़ों वर्ष पहले की जाती थी| सिर्फ राजपूत महिलाओं की ही पसंद क्यों?, अपने शाही अंदाज के चलते आज राजस्थान में “राजपूती पौशाकें” हर जाति की महिलाओं को आकर्षित करती है| और वे अपनी पारंपरिक व आधुनिक पौशाकें छोड़कर इस शाही राजपूती पारंपरिक

पौशाक को अपना रही है और इस पौशाक को अपनाकर वे गौरान्वित महसूस करती है| जोधपुर, जयपुर, बीकानेर सहित राजस्थान के बड़े शहरों में गांवों से आकार बसी और अन्य जातियों की आम व शिक्षित महिलाएं अक्सर राजपूती पौशाक पहने मिल जाती है| यही कारण है कि राजस्थान के हर बड़े-छोटे शहर और कस्बों के बाजारों में राजपूती पौशाकें बेचने वाली दुकानों की संख्या बेतहासा बढ़ी है, इन दुकानों पर राजपूती पौशाकों के लगे बड़े बड़े विज्ञापन होर्डिंग बोर्ड इस बात के प्रमाण है कि राजस्थान की पारम्परिक “राजपूती पौशाकें” आज भी फैशन की आधुनिक दुनियां पर भारी है|

नोट :- क्यों भारी है फैशन की दुनियां में “राजपूती पारंपरिक पौशाकें” ? पर प्रकाश डालते हुए उन कारणों व इस पौशाक की खासियत की विवेचना करते हुए इस पारंपरिक शाही पौशाक का पूरा परिचय अगले लेख में देंगी राजुल शेखावत


Rajputi Poshak,Rajputi Dress,Rajput Culture,Rajputi Cloths

एक टिप्पणी भेजें

10टिप्पणियाँ

  1. भारतीय परिधानों में जो सौन्दर्यपरकता है, वह भला और कहाँ..

    जवाब देंहटाएं
  2. nice baisa .. bhut hi accha lekh h aapka .. ham log milkar ak fashion show avshy rakhenge aur btayenge ki duniya m kya khubsurti h Rajputi veshbhusha ki :-)

    जवाब देंहटाएं
  3. आज के तेज़ी से बदलते फैशन में "राजपूती पहनावा" अपना वर्चस्व कायम रखे हुए हैं और बर्सों बाद भी अपनी उसी पुराणी शान-ओ-शौकत से चलन में हैं.

    जवाब देंहटाएं
  4. इस वेशभूषा में गरिमा,सोंदर्य,राजसी वैभव व् राजस्थानी नृत्य गीतों की आत्मा बसती है।जो बरबस देखते ही जिवंत हो उठती है।

    जवाब देंहटाएं
  5. देसी परिधानों पर इतनी सुन्दर प्रस्तुति के लिए धन्यवाद । एक बार " समाचार NEWS " पर भी अवश्य पधारे ।
    हमारा ब्लॉग पता है :- smacharnews.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  6. आपकी इस उत्कृष्ट प्रस्तुति की चर्चा कल मंगलवार ९/१०/१२ को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी

    जवाब देंहटाएं
  7. सही फुरमाया, विशेष करके राजपूत समाज की नकल की जाती परन्तु गैर राजपूती अक्ल से पहचान लिया जाता हैं, इस पोशाक पहनने से महिलाओँ को इज्जतदार के रूप में जाना जाता हैं, बहुत गरिमा और शौर्य छिपा होता है, इस परिधान में ...

    जवाब देंहटाएं
एक टिप्पणी भेजें