ज्योतिष : एक अनुभव

Gyan Darpan
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सन २००१ अप्रेल महीने का रविवार का दिन था सुबह लगभग नौ बजे होंगे कि घर पर मेरे एक मित्र भैरोंसिंह शेखावत का आना हुआ| औपचारिक बातचीत पूरी होने के बाद भैरोंसिंह जी बताने लगे कि- " उनका पुत्र जो उस वर्ष २० जनवरी को पैदा हुआ था आजकल बहुत चिडचिडा हो गया है और रो रो कर अपनी माँ को बहुत परेशान कर रखा है|" और हमारी कॉलोनी में स्थित मंदिर के पंडितजी ने मेरी धर्मपत्नी जी को बताया है कि -" बच्चे को राहू-केतु बहुत परेशान कर रहे है इसी वजह से यह चिडचिडा हुआ है अत: आप राहू-केतु की शांति के लिए पूजा-पाठ करने हेतु बारह हजार रूपये दे दीजिए ताकि हम पूजा-पाठ कर राहू-केतु को शांत कर देंगे और आपका पुत्र ठीक हो जायेगा|"

भैरोंसिंह जी कहने लगे पत्नी जी पंडितजी को बारह हजार रूपये देने हेतु अड़ी है| और वो अब आसानी से मानने वाली भी नहीं इसलिए उनको किसी अन्य ज्योतिषी से कोई सकारात्मक सलाह लेकर ही मनाना पड़ेगा सो आपका कोई ज्योतिषी जानकार है तो मुझे ले चलिए| साथ ही भैरोंसिंह जी ने मुझे बताया कि- उनके बच्चे के जन्म से ही दिल में छेद है फरीदाबाद एस्कोर्ट अस्पताल (जो आजकल फोर्टिस एस्कोर्ट हो गया) वालों ने बच्चे का ऑपरेशन करने की सलाह दी थी पर वे बच्चे को एम्स ले गए थे जहाँ डाक्टरों ने इसे नॉर्मल बिमारी बताया तथा आने वाले सात-आठ वर्ष में दिल का छेद अपने आप भरकर बच्चे के ठीक होने की बात बताई| और ऑपरेशन के लिए एकदम मना भी कर दिया| पर बच्चा कुछ दिनों से चिडचिडा होकर तंग करता है|

मैं भैरोंसिंह जी को लेकर फरीदाबाद में अपने एक मित्र मालसिंह जी शेखावत के पास पहुंचा| मालसिंह जी गणित के विद्यार्थी थे और फरीदाबाद की एक फैक्ट्री में काम करते है| एक बार उन्हें ज्योतिष सिखने का चस्का लगा तो दिल्ली जाकर ढेर सारी ज्योतिष की किताबें उठा लाये और उन्हें पढ़ ज्योतिष सीखना शुरू कर दिया| वे अक्सर अपने साथियों की जन्म कुंडलियाँ देखकर अपना अभ्यास करते रहते थे और इस तरह वे धीरे धीरे ज्योतिष के अच्छे जानकार होते चले गए|

उनके पास पहुँचते ही मैंने उन्हें अपने मित्र भैरोंसिंह जी का परिचय कराया और उनके पुत्र की जन्म कुण्डली बनाने का आग्रह किया| उनके द्वारा चाही गयी जानकारी देते ही उन्होंने बच्चे की जन्म कुण्डली बना हमें कहा कि- "अब आप बच्चे के भविष्य के बारे में प्रश्न पूछ सकते है|" मैंने मालसिंह जी को कुण्डली देखकर बच्चे के स्वास्थ्य से सम्बंधित जानकारी देने का आग्रह किया| कुछ देर कुण्डली में स्थित ग्रहों की स्थिति का जायजा लेकर व कुछ गुणा-भाग कर मालसिंह जी हमें बताने लगे - " कि ग्रहों की दशा के अनुसार बच्चे को हृदय से सम्बंधित बिमारी है अब वो दिल में छेद है या कुछ ओर यह तो डाक्टर ही बता सकते है| पर यह पक्का है कि बच्चे को दिल से सम्बंधित बिमारी है|" आगे और ग्रहों की दशा देखकर मालसिंह जी बताने लगे कि-
" आपको इस बच्चे की बिमारी से घबराने की भी कोई जरुरत नहीं यह बच्चे की आठ वर्ष तक की उम्र होते होते अपने आप ठीक भी हो जायेगी|" इसलिए फ़ालतू डाक्टरों के चक्कर में भी मत पड़ना|"

मालसिंह जी द्वारा दी गयी इस जानकारी को सुनकर मैं और भैरोंसिंह जी दोनों अवाक् थे, आखिर मालसिंह जी ने भी वही बताया जो एम्स के डाक्टरों ने अपनी जांच के बाद बताया था| एम्स के डाक्टरों ने भी बच्चे के स्वास्थ्य की जांचकर यही कहा कि- "किसी निजी अस्पताल की ऑपरेशन करने की सलाह मानकर लुटना मत, ये बच्चा सात-आठ साल में अपने आप ठीक हो जायेगा|"

उसके बाद मैंने मालसिंह जी को बच्चे के चिडचिडा होने व पंडित जी द्वारा राहू-केतु द्वारा परेशान करने व उसकी शांति के लिए पंडित जी द्वारा मांगी गयी बारह हजार रूपये वाली बात बताई जिस पर उन्होंने बताया कि-
"इस बच्चे की कुण्डली में राहू-केतु का कहीं कोई दखल ही नहीं है हाँ इसका मंगल भारी है जिसके चलते यह चिडचिडा हो रखा है मैं आपको एक छिद्र वाला मूंगा दे देता हूँ जिसे बच्चे के गले में पहना देना और हाँ उस पंडित को मेरे से मिलवाना, हरामखोर को ख़ाक में दबाकर ज्योतिष के नाम पर ठगने का दंड दूँगा|"

भैरोंसिंह जी मुझे अपने घर ले गए व मालसिंह जी द्वारा बताई गयी सारी बातें अपनी पत्नी को बताने हेतु कहा और मेरे द्वारा पूरी कहानी बताने पर उनकी पत्नी ने पंडित जी से पूजा करवाने वाली जिद छोड़ी|

इस घटना के कुछ महीनों बाद भैरोंसिंह जी सउदी अरब चले गए और अभी भी वे वही रह रहे है| सन २००१ के बाद उनसे कभी मिलना भी नहीं हुआ पर अभी पिछले माह भैरोंसिंह जी से अनायास ही फेसबुक पर मुलाकात हो गयी और फेसबुक के माध्यम से उन्हें मेरे फोन न. मिलते ही उनका फोन आ गया| मैंने उनसे उनके बेटे के स्वास्थ्य के बारे में पूछा तब उन्होंने बताया कि-" एम्स के डाक्टरों व मालसिंह जी की ज्योतिषीय सलाह के बाद उन्होंने बच्चे का ऑपरेशन नहीं करवाया था और बच्चा अब ठीक है उसके दिल का छेद भी अस्सी प्रतिशत से ज्यादा भर चुका है|

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14टिप्पणियाँ

  1. उत्तर
    1. नियम है जयोतिष को मानने के साथ दिमाग का प्रयोग आवश्यक है।

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  2. ऐसा भी होता है, लेकिन कभी-कभी.

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  3. रोचक कथा, लोगों के मन में संशय के छिद्र भी धीरे धीरे भर जायेंगे।

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  4. लोगों के मन में फैली भ्रांतियों को कम करने की ये कोशिश प्रंशसनिय |

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    1. रिप्लाई बटन की आप्शन सफलता पूर्वक स्थापित करने पर बधाई स्वीकार करें

      विजुअल बेसिक-6.0- दूसरा पाठ - पहला प्रोजेक्ट कैसे बनाएं ?

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    2. आपकी ही मेहनत का परिणाम है यह रिप्लाई बटन :)

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  5. ज्योतिष शास्त्र तो अपने आप में पूर्ण है लेकिन आपने बताया की पंडित जी जैसे व्यक्ति ज्योतिष का ज्ञान ना होने पर भी बारह हज़ार रूपये ठगना चाहते थे, ऐसे ही व्यक्तियों ने ज्योतिष शास्त्र को बदनाम किया हुआ है.
    लेकिन अगर मान सिंह जैसे ज्योतिषी सभी को मिल जाये तो ज्योतिष शास्त्र की विश्वसनीयता में बहुत ज्यादा मात्रा में इजाफा होगा. अपने अनुभव बाटने के लिए आपका धन्यवाद.

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  6. No doubt about the power the Jyotish vidhya but Its very hard to find out the a correct person who have the knowledge of it.

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  7. jyotish ankon ka shastra hae.iska gahan addhyan karne par nikale gaye nishkarsh sach mein sahi hote haen. Samasya yeh hae ki aise log bahut kam haen shesh to thag haen jo logon ki bhavnaon se khel kar thagte haen

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  8. काश इससे ज्यादा से ज्यादा लोग सबक ले , पैसों से अगर भाग्य बदला जा सकता तो आप सब सोच कर तो देखिये की क्या - क्या हो सकता था ....?

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  9. पुरानी कहानियों और आधुनिक घटनाएं गवाह है कि समय खुद सभी प्रकार के कष्‍टों का इलाज कर देता है .. पर इसे नहीं समझ पाने के कारण आम व्‍यक्ति गुमराह है .. आज वास्‍तविक दुनिया में या ज्‍योतिष शास्‍त्र के जानकारों में मानसिंह जैसे लोग बहुत कम हैं .. कुछ हैं भी तो नकलियों के चकाचौंध में लोग उन्‍हें पहचान नहीं पाते .. आज की दुनिया में पारखियों की नजर में न आने से हजारों हीरे पैरों तले कुचले जा रहे है !!

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  10. आपका अनुभव अद्भुत है परन्तु जो ज्योतिष को जानता है उसके लिए यह सामान्य बात है | दरअसल ज्योतिष के पास हर प्रश्न का उत्तर है बस जरूरत है इस विषय को समझने की |

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