बंजर जमीं

pagdandi
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गहरी साँस का गड्डा खोदकर

जो ख्वाब दबा दिए थे मैने

बन्धनों की मिट्टी डालकर

सदी भर पड़ा अकाल उस ,

अहसास की जमीं पर हो गई बंजर.

पर एक घुमड़ता बादल भटक कर .

वहां से गुजरा हैरान परेशां ,

अनजाने मे ही उसके एक पसीने की बूंद ,

गिर गई उन ख्वाबो पर .
एक कोपल फूटी है आज ,

एक दिन होगा वहां खुबसूरत रिश्ते का बरगद

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18टिप्पणियाँ

  1. एक दिन होगा वहां खुबसूरत रिश्ते का बरगद
    बहुत खुब जी, धन्यवाद

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  2. वाह ! बहुत सुन्दर बढ़िया रचना |

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  3. गहरी साँस भर लेना किसी न किसी ख्वाब को दबा देने जैसा है, अद्भुत अवलोकन।

    वह मरा नहीं,
    था पड़ा वहीं,
    सुध मिलती है मनभावन की,
    बनकर जीवन,
    बढ़ने का मन,
    बस एक प्रतीक्षा, सावन की।

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  4. अनजाने मे ही उसके एक पसीने की बूंद ,
    गिर गई उन ख्वाबो पर .
    एक कोपल फूटी है आज ,
    एक दिन होगा वहां खुबसूरत रिश्ते का बरगद
    waaOoow...!! bohat achhi kavita hai.. =)

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  5. एक दिन होगा वहां खुबसूरत रिश्ते का बरगद
    बहुत ही सुंदर पंक्ति....सुंदर रचना..बधाई

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  6. अंतिम पक्ति में एक नयी आशा का संचार | बहुत बढ़िया रचना है | आभार |

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  7. बहुत लाजवाब रचना, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  8. बहुत सुन्दर कविता लिखी है बंजर ज़मीन को पानी एक बूँद ..ही उपजाऊ बनाने के लिए बहुत होती है.. जिस प्रकार रिश्तों को बरक़रार रखने के लिए भी सदभावना की ज़रूरत होती है...किसान के पसीने की बूँदें.. और उसकी मेहनत बंजर ज़मीन में भी फूल खिला देती है....साधुवाद.. उषा जी.... |

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  9. बहुत ही खूबसूरत रचना है। लाजबाव अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति। आभार! -: VISIT MY BLOGS :- (1.) ऐ-चाँद बता तू , तेरा हाल क्या हैँ।........कविता को पढ़कर तथा (2.) क्या आप जानती हैँ कि आपके लिए प्रोटीन की ज्यादा मात्रा हानिकारक हो सकती हैँ।..........लेख को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप इन लिँको पर क्लिक कर सकते हैँ।

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  10. अच्छी पंक्तिया की रचना की है ........

    (क्या अब भी जिन्न - भुत प्रेतों में विश्वास करते है ?)
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_23.html

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  11. wah dost bahut khoob har baar kuch naya aur bhi bahetarien.Kisi ke dil ka dard bahut khoobi aur sacchai se tumne apne shabdon mein dhaal kar hum sabke samne apni kavita ke roop mein pesh kiya bahut hi badiya.पर एक घुमड़ता बादल भटक कर.वहां से गुजरा हैरान परेशां,अनजाने मे ही उसके एक पसीने की बूंद,गिर गई उन ख्वाबो पर.एक कोपल फूटी है आज,एक दिन होगा वहां खुबसूरत रिश्ते का बरगद.Inn lines mein tumne jaan daal di insan ko kabhi bhi zindagi mein haar nahi manni chahiye kyun ki har din ek naya subh hoti hai.Keep it Up Really Proud of You :-)

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