मानव मूल्य

Gyan Darpan
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उपरोक्त रचना फेसबुक मित्र श्री हरिकृष्ण लाल सचदेव द्वारा ज्ञान दर्पण पर प्रकाशनार्थ भेजी गयी जो आपके सम्मुख प्रस्तुत है

संघर्ष एवं क्षत्रिय |
pc to phone काल करे जी मेल के द्वारा
ताऊ अस्पताल में बाबाश्री ललितानंद जी महाराज
हिंदुस्तान का दिल है दिल्ली !

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11टिप्पणियाँ

  1. आप की इस ग़ज़ल में विचार, अभिव्यक्ति शैली-शिल्प और संप्रेषण के अनेक नूतन क्षितिज उद्घाटित हो रहे हैं।

    अंक-8: स्वरोदय विज्ञान का, “मनोज” पर, परशुराम राय की प्रस्तुति पढिए!

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  2. सार्थक और उम्दा प्रेरक विचार ...

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  3. बहुत प्रेरक, मुझे भी मानव ही रहने दिया जाये।

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  4. बहुत सुंदर, गणेश चतुर्थी एवम ईद की हार्दिक शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  5. itna bura na karo ki hewan ban jawo,
    itna accha bhi na karo ki bhagwan ban jawo,
    bas karo itna hi ki insan ban jawo .......



    manv ko manv hi rahane do ...bhut accha

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  6. बहुत सुंदर रचना है | आजकल मनुष्य बने रहना भी बहुत बड़ी बात है |

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