परमवीर हवलदार मेजर पीरु सिंह

Gyan Darpan
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6 राजपुताना रायफल्स के हवलदार मेजर पीरु सिंह शेखावत झुंझुनू के पास बेरी गांव के लाल सिंह शेखावत के पुत्र थे जिनका जन्म 20 मई 1918 को हुआ था | जम्मू कश्मीर में तिथवाल के दक्षिण में इन्हे शत्रु के पहाड़ी मोर्चे को विजय करने का आदेश मिला | दुश्मन ने यहाँ काफी मजबूत मोर्चा बंदी कर रखी थी ज्योही ही ये मोर्चे की और अग्रसर हुए दोनों और से शत्रु की और भयंकर फायरिंग हुयी व भारी मात्रा में इन पर बम भी फेंके गए | पीरु सिंह आगे वाली कंपनी के साथ थे और भारी संख्या में इनके साथी मारे गए और कई घायल हो गए ये अपने साथियों को जोश दिलाते हुए युद्ध घोष के साथ शत्रु के एम एम जी मोर्चे पर टूट पड़े और बुरी तरह घायल होने बावजूद अपनी स्टेनगन और संगीन से पोस्ट पर मौजूद दुश्मनों को खत्म कर एम एम जी की फायरिंग को खामोश कर दिया लेकिन तब तक उनकी कम्पनी के सारे साथी सैनिक मारे जा चुके थे वे एक मात्र जिन्दा लेकिन बुरी तरह घायल अवस्था में बचे थे चेहरे पर भी बम लगने के कारण खून बह रहा था लेकिन जोश और मातृभूमि के लिए बलिदान की कामना लिए वे शत्रु के दुसरे मोर्चे पर हथगोले फेंकते हुए घुस गए दुसरे मोर्चे को भी नेस्तनाबूत कर वे अपने क्षत-विक्षत शरीर के साथ दुश्मन के तीसरे मोर्चे पर टूट पड़े ,रास्ते में सिर में गोली लगने पर ये १९ जुलाई १९४८ को वीर गति को प्राप्त हुए |
भारत सरकार ने इन्हे मरणोपरांत इनकी इस महान और अदम्य वीरता के लिए वीरता के सबसे उच्च पदक परमवीर चक्र से सम्मानित किया |

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9टिप्पणियाँ

  1. शहीद मेजर पीरु सिंह शेखावत को श्रन्द्धांजलि और नमन ! इन रणबांकुरो का परिचय करवाने के लिये आभार आपका !

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  2. परमवीर को मेरा शत शत नमन . इनके बलिदान को तत्कालीन शासको ने व्यर्थ कर दिया कश्मीर को u.n.मे लेजाकर जिसका परिणाम आज भी भुगत रहे है

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  3. परमवीर को मेरा शत शत नमन

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  4. परमवीर को श्रद्धांजलि !

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  5. शहीद मेजर पीरु सिंह शेखावत जैसे वीरों ने ही जान पर खेलकर हमारी आज़ादी को बनाए रखा है. इनको शत-शत नमन!

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  6. ये है तो हम सो पाते है!! नमन!

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  7. झुन्झुनूँ में रोड न०२ पर रेल्वे स्टेशन के नजदीक, शहीद मेजर पीरु सिंह शेखावत कि आदमकद मुर्ती लगाइ गयी है। उसके सामने से गुजरते हुए सभी का मन नमन करने को करता है । उस सर्किल को पीरू सिंह सर्किल के नाम से जाना जाता है । एक सरकारी सीनीयर हायर सैकन्ड्री स्कूल जो उस मूर्ती के पास है ,का नामकरण भी उन्ही के नाम पर किया गया है । हमारे देश के शहीद की जानकारी देने के लिये आभार।

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